लेखनी कहानी -01-Sep-2022 सौंदर्या का अवतरण

3 - श्रेया का पैर फिसलना-

श्रेया का सातवां महीना शुरु हो चुका था। घर में बहुत ही खुशी का माहौल था। सास-ससुर से लेकर घर के सभी परिवारी जन बहुत ही खुश थे। परिवार में तय हुआ कि सातवें महीने में श्रेया की गोद भराई की जाएगी। और धूमधाम से एक उत्सव मनाया जाएगा। तैयारियां शुरू हो गई थी, परंतु भगवान को कुछ और ही मंजूर था। सारा परिवार श्रेया का ध्यान रखता, परंतु अचानक एक सुबह..... श्रेया की चीख सुनाई पड़ी.... श्रेया की चीख सुनते ही उसका पति श्रवन उठकर दौड़ा। इतने में और घर परिवार के लोग भी श्रेया की चीख सुनकर अपने अपने कमरों से बाहर आए। और श्रवण और श्रेया के कमरे की तरफ पहुंचे। तब तक श्रवण श्रेया के पास पहुंच चुका था। उसने देखा, कि श्रेया बाथरूम के फर्श पर चारों खाने चित पड़ी हुई है। पूछने पर पता चला, कि श्रेया बाथरूम के लिए उठी थी। उसका पैर फर्श पर फिसल गया और श्रेया फर्श पर धन ......से गिर गई ।अब श्रेया दर्द से कराह रही थी। तब तक सारे परिवारी जन श्रेया के पास पहुंच चुके थे, सभी ने श्रेया को उस हालत में देखा और सभी की आंखों से अविरल अश्रु धारा बहना शुरू हो गई। क्योंकि एक खुशी का माहौल था सभी खुश थे। श्रेया अब मां बनने वाली है। सभी परिवारी जन खुश थे कि उनके परिवार में एक नन्हा मेहमान आने वाला है। अब सभी का मन बहुत ज्यादा डर गया था। सासू मां ने श्रेया के सिर पर हाथ फेरा और सांत्वना देते हुए श्रेया से कहा- कि बेटा घबराओ नहीं। कुछ नहीं होगा। सब अच्छा होगा। यह कहते हुए उन्होंने श्रवण को एंबुलेंस बुलाने के लिए कहा- श्रवन ने फटाफट एंबुलेंस को फोन किया । आनन-फानन में एंबुलेंस को बुलाया और सभी ने मिलकर के श्रेया को एंबुलेंस में लिटाया और जल्दी से डॉक्टर के यहां ले गए। डॉक्टर के यहां पहुंचते-पहुंचते श्रेया दर्द से तड़प रही थी। किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था। सभी दुख में डूब गए थे। सभी की आशाएं निराशा में बदलती दिख रही थी। सभी को लग रहा था,कि पता नहीं अब क्या होगा। डाॅक्टर बच्चे को बचा पाएंगे कि नहीं सभी लोग यही सोच रहे थे और बहुत परेशान थे। सभी  भगवान से मिन्नतें कर रहे थे। हाथ जोड़कर सभी प्रार्थना कर रहे थे। श्रेया और श्रेया के बच्चे के लिए। श्रेया डॉक्टर के पास पहुंच चुकी थी। डॉक्टर से श्रेया को अंदर ओ.टी. में ले गए। वहां पर से डाॅक्टर ने चेकअप किया। श्रेया को दर्द कम करने के लिए इंजेक्शन वगैरा दिया गया। और डॉक्टर ने तुरंत सोनोग्राफी की। सोनोग्राफी में पता चला कि श्रेया को केवल चोट लगी है, यह देखकर डाॅक्टर को बड़ी तसल्ली हुई । फिर उन्होंने श्रेया के पति को अंदर बुलाया और श्रवण को सब बात बताई। और कहा कि परेशान होने की जरूरत नहीं है, चोट श्रेया को लगी है। जो दवाओं से ठीक हो जाएगी। बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित है। अब घबराने की कोई बात नहीं है परेशानी तो है, वह ठीक हो जाएगी। सब ने जब यह बात सुनी तो उसके मन में थोड़ा धीरज बंधा। सब ने बाहर आकर यह बात अपने माता पिता को बताई। 
श्रेया को चोट लगी है पर बच्चा सुरक्षित है। श्रेया को चोट लगी है यह सुनकर सभी को  बहुत दुख हुआ। पर यह सुनकर के बच्चा पूरी तरह सुरक्षित है, उनके माता-पिता खुशी से फूले न समाए और श्रेया को ठीक होने की दुआएं करने लगे।

 अब सभी श्रेया से बहुत प्यार करने लगे थे। और श्रेया की तकलीफ उनकी तकलीफ हो गयी थी। वह श्रेया को तकलीफ में नहीं देख पा रहे थे। इसीलिए सासू मां ने श्रेया के लिए दुआएं मांगी और भगवान की पूजा की। कि उनकी बहू जल्दी से ठीक हो कर घर आ जाए। श्रवण का भी तनाव के कारण बुरा हाल था उसे श्रेया की चिंता लगी रहती थी।  श्रेया का इलाज चल रहा था, उसको कई दिन अस्पताल में रहना पड़ा। और बाकी घर वाले भी श्रेया की देखरेख में लगे हुए थे। अब श्रेया धीरे-धीरे ठीक होने लगी थी और चलने फिरने लगी थी। तो सासु मां उसको घर बुला लाई, और कहा-कि अब से श्रेया की देखभाल मैं करूंगी। अब से मैं कोई भी लापरवाही नहीं देखना चाहती हूं। इस तरह श्रेया धीरे-धीरे ठीक होने लगी और फिर से एक नई उम्मीद के साथ श्रेया और श्रवण खुशी से समय बिताने लगे। अब सातवां महीना करीब आधा बीत चुका था।अब श्रेया भी ठीक हो चुकी थी। 

तो सासु मां के दिल में गोद भराई का ख्याल फिर से उमड़ पड़ा। श्रवण से इस बात की सलाह दी गई। तो श्रवन ने अपनी मां को इस उत्सव को मनाने के लिए हां.... तो कह दिया। पर वह बहुत चिंतित था कि फिर से श्रेया के साथ कुछ अनहोनी ना हो जाए।

बहुत सावधानी से गोद भराई के उत्सव की तैयारियां शुरू हुई। श्रेया का विशेष ख्याल रखा जाता। पर फिर भी श्रवण बहुत चिंतित रहता उत्सव की  तारीख निश्चित कर दी गई। कार्ड छप गए, रिश्तेदारों को कार्ड भेज दिए गए। और अंततः उत्सव की तारीख भी आ गई। सभी रिश्तेदार आए और बड़ी खुशी से श्रेया की गोद भराई का उत्सव मनाया गया। नाच गाना खाना-पीना सभी कुछ हुआ और सब कुछ  वहां खुशी से निपट गया। उत्सव के बाद श्रवण को तसल्ली हुई कि चलो ....सब शांति से खुशी पूर्वक निपट गया और सब ठीक है। उत्सव के बाद सभी लोग खुश थे, श्रेया भी बहुत खुश थी। श्रवन अपने काम को बहुत मुस्तैदी से कर रहा था। श्रेया का पूरा ध्यान रखना अब उसकी जिम्मेदारी बन चुका था। एक बार भी वह श्रेया को अकेले नहीं छोड़ता था। हमेशा श्रेया के साथ रहता, श्रेया को कुछ ऐसा वैसा नहीं करने देता था। जिससे कि फिर से कोई तकलीफ ना हो जाए। और धीरे-धीरे समय गुजरने लगा अब श्रेया ने ऑफिस जाना बंद कर दिया था। आठ महीना पूरा होने को आया था।अब से श्रेया को उठने बैठने में काफी तकलीफ होने लगी थी। अब उसे अपने अंदर एक नया एहसास होने लगा था, क्योंकि पेट में बच्चा हाथ पैर चलाता था तो उसकी अनुभूति होती थी और बहुत खुशी भी होती थी। जब भी बच्चा पेट में घूमता श्रेया श्रवण को दिखाती। और दोनों आनंद की अनुभूति करते।

श्रेया... एक नवीन एहसास के साथ बहुत खुश थी। वह अपने अंदर एक नई जान.. को महसूस कर रही थी। उसकी हरकतें.. क्रियाकलाप.. सब श्रेया को महसूस होते हैं। श्रेया उसको महसूस करके बहुत खुश होती और सारी क्रियाकलाप और एहसास को श्रवन के साथ बांटती। एक नवीन एहसास बच्चे को पाने का, बच्चे के घर में आने का और घर में किलकारियां गूंजने का सोच कर ही श्रेया और श्रवन दोनों मन ही मन आल्हादित होते रहते। और आपस में बातें करते कि आने वाला मेहमान का क्या नाम रखा जाएगा। बेटा.. होगा या बेटी... ।जो भी हो श्रवन ने कहा- हमें दोनों में से जो भी मिलेगा बहुत प्यारा होगा। अब तो सभी लोग बहुत ही बेसब्री से नन्हे मेहमान का इंतजार कर रहे थे।

श्रेया और श्रवन नए मेहमान के स्वागत की तैयारियों में लगे हुए थे। नए मेहमान के लिए कपड़े उसकी सुख सुविधा का सारा सामान एकत्रित किया जा रहा था। जिससे कि नए मेहमान को आने के बाद कोई परेशानी ना हो। श्रेया का आठवां महीना पूरा हो चुका है। एक-एक दिन बड़ी मुश्किल से कट रहा है। और मन में डर बना हुआ है कि कहीं फिर से कुछ ना हो जाए, जल्दी से सब कुछ ठीक-ठाक निबट जाए और घर में नये मेहमान का आगमन हो जाए। तब सबको तसल्ली हो।

अब हफ्ते में एक बार श्रेया और श्रवण डॉक्टर के यहां पूर्णरूप से  चेकअप करवाते, और 

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11 Comments

Gunjan Kamal

26-Sep-2022 05:33 PM

बहुत खूब

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Astha Singhal

15-Sep-2022 09:39 AM

बढ़िया भाग 👍

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नंदिता राय

08-Sep-2022 08:41 PM

शानदार भाग

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